गर मे नहीं तो तुम भी नहीं
कैसे बचोगे गर मार डालोगे मुझे ?
बेटी रहेगी तो सृष्टि रहेगी !
और बढेंगी रौनकें इस जहां मे
बिना मेरे अस्तित्व ना रहेगा तेरा
बिचलित करती है यह तेरी निति
हम सर्मिदा है तेरे इस नियति पर!
अपने वजूद की बाते करने वाले ?
बहता खून बनकर धमनियों में मेरा,
लबों की ख़ामोशी बहुत कुछ कह गयी
बेटी हु ना इसलिए सब कुछ सह गयी !
बहुत गहरा है मेरे होने में तेरा होना।
प्रक्रती का गूढ़ रहस्य है? रहस्य ही रहने दो.
दीपावली की हार्दिक सुभकामनाओ के साथ!
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