मैने बेटी बन जन्म लीया, यह मेरा जुर्म...?
कोई भी नहीं सुनेगा मेरी चीख-पुकार,
कोई नहीं बढ़ाएगा अपना हाथ मेरी तरफ,
मैने बेटी बन जन्म लीया, यह मेरा जुर्म...?
उनको सुख फूलों के और हमें दर्द के कांटे.
मैने बेटी बन जन्म लीया, यह मेरा जुर्म...?
जन्मते ही तुम तो कर देते हो पराई,
मैने बेटी बन जन्म लीया,........
मै तो कोरा सा एक पन्ना जिस् पर पल मे धूल नजर आये,
मैने बेटी बन जन्म लीया, यह मेरा जुर्म...?
मे माँ भी हु बहिन भी हु और आगे जाकर पत्नी भी,
मैने बेटी बन जन्म लीया, यह मेरा जुर्म...?
अपने लिए तो जीना सिखाया ही नहीं माँ ने.......
मैने बेटी बन जन्म लीया, यह मेरा जुर्म...?
मुझे देवी की उपमा दे दी ताकि अपने उत्पीडन का विरोध ना करू .....
मैने बेटी बन जन्म लीया, यह मेरा जुर्म...?
तुम तो वही कर रहे हो जो पहले से करते आ रहे हो ...
पर मे बदलाव लाने की कोशिश मे अपना वजूद खो रही हु
"बस मेरा कसूर यही है की मैने बेटी बन जन्म लीया"
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छायाचित्र युवा नागौर |